अध्याय-13 : ग्राम श्री

 

1 . कवि ने गाँव को हरता जन मन ‘ कहा है क्योंकि –

  • गाँव का सौंदर्य उसके मन को अपनी ओर खींच लेता है
  • गाँव में जन – मन को हरने वाले होते हैं
  • गाँवों में रोज पूजा – पाठ होती है
  • गाँवों में लोग बसना नहीं चाहते हैं

उत्तर

गाँव का सौंदर्य उसके मन को अपनी ओर खींच लेता है

2. ” ग्रामश्री ” कविता में कवि ने किसे ” हरता जन – मन ” कहा है ?

  • गाँव को
  • शहर को
  • मुहल्ला को
  • पहाड़ों को

उत्तर

गाँव को

3. ‘ ग्राम श्री ‘ कविता में किस ऋतु का वर्णन हुआ है ?

  • ग्रीष्म ऋतु
  • वर्षा ऋतु
  • शरद ऋतु
  • शिशिर ऋतु

उत्तर

शिशिर ऋतु

4. ” ग्रामश्री ” कविता के कवि कौन हैं ?

  • रसखान
  • कबीर
  • राजेश जोशी
  • सुमित्रानंदन पंत

उत्तर

सुमित्रानंदन पंत

5. ‘ प्रकृति का सुकुमार कवि ‘ किन्हें कहा जाता है ?

  • सुमित्रानंदन पंत
  • माखनलाल चतुर्वेदी
  • राजेश जोशी
  • रसखन

उत्तर

सुमित्रानंदन पंत

6. ‘ ग्राम श्री ‘ का निम्न में से सही अर्थ है –

अथवा , ‘ ग्राम श्री ‘ का वास्तविक अर्थ क्या होगा ?

उत्तर

गाँव के महाशय ( शोभा )

7. ” ग्राम श्री ” कविता में ‘ छीमियाँ किसे कहा गया है ?

उत्तर

मटर को

8. खेतों में दूर तक कैसी हरियाली फैली हुई है ?

उत्तर

मखमल जैसी कोमल

9. कवि ने ‘ मरकत डिब्बे सा खुला ‘ किसको कहा है ?

उत्तर

गाँव को

 

Leave a Comment

Your email address will not be published.