अध्याय-7: छाया मत छूना

 

1 . छाया मत छूना ‘ कविता के कवि कौन हैं ?

  • गिरिजाकुमार माथुर
  • नागार्जुन
  • ऋतुराज
  • सूरदास

उत्तर

गिरिजाकुमार माथुर

2. कवि छाया छूने से इसलिए मना कर रहा है क्योंकि यह-

  • मन में पीड़ा बनकर चुभती रहती है
  • मृगतृष्णा मात्र है
  • शारीरिक पीड़ा प्रदान करती है
  • स्पर्श योग्य नहीं होती

उत्तर

मन में पीड़ा बनकर चुभती रहती है

3. कवि के अनुसार , मनुष्य अतीत में खोए रहने के कारण रहता है ।

  • सुखी
  • दुःखी
  • भ्रमित
  • उदास

उत्तर

दुःखी

4. कवि अपने जीवन में क्या पाने के लिए निरंतर दौड़ता रहा ?

  • लोकप्रियता
  • मान – प्रतिष्ठा
  • अपार संपत्ति
  • इनमें सभी

उत्तर

इनमें सभी

5. छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ चंद्रिका ‘ और ‘ कृष्णा ‘ किसके प्रतीकार्थ हैं ?

  • सुख – दुख
  • सांसारिक मोह से मुक्ति
  • आगमन – आवागमन
  •  चाँद – रात

उत्तर

सुख – दुख

6. कवि ने प्रभुता की कामना को क्या माना है ?

  • मृगतृष्णा
  • कटु यथार्थ
  • जीवन की सच्चाई
  • चंद्रिका

उत्तर

कटु यथार्थ

7. कवि के अनुसार , जो सुख जीवन में प्राप्त न हो सका , उसे भूलकर —— करना चाहिए ।

  • प्रभुता की कामना
  • बीते क्षणों की याद
  • उचित समय की प्रतीक्षा
  • भविष्य का वरण

उत्तर

भविष्य का वरण

8. दुविधा हत साहस ‘ का क्या अभिप्राय है ?

  • मन का दुविधा से ग्रस्त होना
  •  साहस का दुविधा से ग्रस्त होना
  • दुविधा में रहकर जोखिम भरे कार्य करना
  •  जीवन का साहसहीन होना

उत्तर

साहस का दुविधा से ग्रस्त होना

9. ‘शरद – रात ‘ आने पर चाँद के न खिलने से किस भाव की अभिव्यक्ति हुई  है ?

  • आशा के भाव की
  • निराशा के भाव की
  • संतुष्टि के भाव की
  • क्रोध के भाव की

उत्तर

निराशा के भाव की

10. ‘ छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ छाया ‘ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में हुआ है ?

  • मानवीय प्रतिबिंब
  • अतीत की स्मृतियाँ
  • दुविधा
  •  संशय

उत्तर

अतीत की स्मृतियाँ

11. कवि ने किसके पूजन की बात कही है ?

  • जीवन के सुखद क्षणों की
  • जीवन की कटु सच्चाई की
  • मन के भ्रम की
  • अतीत के सुहावने क्षणों की

उत्तर

जीवन की कटु सच्चाई की

12. कवि के अनुसार , वास्तविक खुशी और सफलता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है ?

  • यश और वैभव कमाकर
  • देह सुखी होने पर
  • यथार्थ के पूजन द्वारा
  • प्रभुता की कामना करने से

उत्तर

यथार्थ के पूजन द्वारा

13. कवि के जीवन की ‘ सुरंग – सुधियाँ ‘ क्या हैं ?

  • बीती सुखद स्मुतियाँ
  • प्रिया के पुष्प गुच्छ
  •  सच्चाई का कटु अनुभव
  • प्रिया मिलन की सुनहरी यादें

उत्तर

प्रिया मिलन की सुनहरी यादें

14. हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति में ‘ चंद्रिका ‘ का प्रतीकार्थ क्या है ?

  • चांदनी रात
  • चाँद का प्रकाश
  • जीवन के सुखद क्षण
  • जीवन के दुःखद क्षण

उत्तर

जीवन के सुखद क्षण

15. ‘ हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति का भाव है

  • सुख – दुख के क्षण सदैव स्थिर रहते हैं
  • सुख – दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं
  • चाँद की किरणों में आशा की किरण विद्यमान होती है
  • इनमें सभी

उत्तर

सुख – दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं

16. छाया मत छूना ‘ कविता में प्रयुक्त ‘ शरद रात ‘ व ‘ वसंत ‘ का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है ?

  • जीवन के सुखद क्षण
  • जीवन के दुःखद क्षण
  • जीवन के संघर्षमय क्षण
  • जीवन के कटु अनुभव

उत्तर

जीवन के सुखद क्षण

17. चाँदनी रात को देखकर कवि को किसकी याद आती है ?

  • प्रेयसी के बालों में लगे फूलों की खुशबू की
  • प्रेयसी से बिछुड़ते पलों की
  • दुःखद क्षणों की
  • प्राकृतिक सौंदर्य की

उत्तर

प्रेयसी के बालों में लगे फूलों की खुशबू की

18. यामिनी ‘ किसका प्रतीक है ?

  • निराशा का
  • सुखमय क्षणों का
  • प्रेयसी से वियोग का
  •  विचलित कर देने वाले समय का

उत्तर

सुखमय क्षणों का

19. सुरंग सुधियाँ सुहावनी ‘ में स्मृतियों को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है ?

  • दुविधाग्रस्त रूप में
  • रंग – बिरंगी मनभावक रूप में
  • विकट रूप में
  • कटु रूप में

उत्तर

रंग – बिरंगी मनभावक रूप में

20. कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी ‘ में ‘ कुंतल ‘ शब्द से क्या अभिप्राय है ?

  • बगीचा
  • कमल के फूल
  • रंग – बिरंगे वस्त्र
  • लंबे बाल

उत्तर

लंबे बाल

 

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